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मुस्कुराते हुए चल,आगे आगे बढ़

मुस्कुराते हुए चल,आगे आगे बढ़ 

ईश्वर ने दी है हमें दो आंखें 
ताकि हम देख सकें इस दुनिया में 
ईश्वर ने दी है हमें दो पैर और दो हाथ
ताकि हम सत्कर्म पथ पर आगे आगे बढ़ सकें।
एक दिन हम सब सारे
ये जग सारा छोड़ जायेंगे
इसीलिए चाहे दुःख की घड़ी हो चाहे सुख की
मुस्कुराते हुए चल, आगे आगे बढ़।
मानव जीवन एक सफर है 
जिसमें हम सब एक मुसाफिर है 
कष्टों से कभी न घबराना
अपनी जिंदगी अपने हाथों से ही सजाना है।
हमेशा नेक काम करके सज्जनों
रोशन करना है अपना नाम
जिंदगी में अगर कुछ कर गुजरने की चाहत है तो 
मुस्कुराते हुए चल, आगे आगे बढ़।
अगर अभी अंधेरा है तो सज्जनों
कल उजाला जरूर होगी
कीचड़ में भी रहकर हमकों 
कमल फूल सा रहना है।
औरों की बुराईयां मत देखो
आत्म सुधार ही सर्वोपरि है 
सूरज जैसा चमकना है इस जग में तो
मुस्कुराते हुए चल, आगे आगे बढ़।

नूतन लाल साहू

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1 Comments

Anjali korde

12-Jun-2024 09:20 AM

Amazing

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